अपने प्रोजेक्ट के बोझ तले दबा जा रहा हैं,
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजिनियर जा रहा हैं,
... जिंदगी से हारा हुआ हैं,
पर बैग से हार नहीं मानता
अपने एप्लीकेशन की एक एक लाइन इसे रटी *** हैं,
पर आज कौन से रंग के मोज़े पहने हैं, ये नहीं जनता,
दिन पर दिन एक Excel फाईल बनता जा रहा है,
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजिनियर जा रहा हैं,
दस हज़ार लाईन के कोड में error ढूंढ़ लेता हैं लेकिन,
मजबूर दोस्त की आँखों की नमी दिखाई नहीं देती,
PC पर हजार Window खुली हैं,
पर दिल की खिड़की पर कोई दस्तक सुनाई नहीं देती,
Saturday-Sunday नहाता नहीं, Week Days को नहा रहा हैं,
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजिनियर जा रहा हैं,
Coding करते करते पता ही नहीं चला,
बैग की Priority कब माँ-बाप से High हो गयी,
किताबों मैं गुलाब रखने वाला, सिगरेट के धुएं में खो गया,
दिल की जमीं से अरमानो की विदाई हो गयी,
Weekends पर दारू पीके जो जशन मन रहा हैं,
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजिनियर जा रहा हैं,
मज़े लेने हो इसके, तो पूछ लो,
Salary Increment की पार्टी कब दिला रहे हो,
हंसी उड़ाना हो तो पूछ लो,
Onsite कब जा रहे हो ...?
वो देखो Onsite से लौटे Team-mate की चाकलेट खा रहा हैं,
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजिनियर जा रहा हैं,
खर्चे बढ़ रहे हैं,
बाल झड रहे हैं
KRA की डेट आती नहीं,
Income Tax के सितम हो रहे हैं,
लो फिर से बस छूट गयी, ओटो से आ रहा हैं,
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजिनियर जा रहा हैं,
Pizza गले से नहीं उतरता,
तो Coke के सहारे निगल लिया जाता हैं,
Office की थाली देख मुंह हैं बिगाड़ता,
माँ के हाँथ का वो खाना बार रोज़ याद आता है,
Sprout Bhel बनी हैं फिर भी, फ्री Evening Snacks खा रहा हैं,
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजिनियर जा रहा हैं,
आपने अब तक ली होंगी बहुत सी चुटकियाँ,
सोफ्टवेयर इंजिनियर के जीवन का सच बताती ये आखिरी कुछ पंक्तियाँ ,
हजारों की तनख्वाह वाला, Company के कारिंदों की जेब भरता हैं,
सोफ्टवेयर इंजिनियर वही बन सकता हैं, जो लोहे का जिगर रखता हैं,
हम लोग जी जी के मरते हैं, ज़िन्दगी हैं कुछ ऐसी,
एक फ़ौज की नौकरी, दूसरी सोफ्टवेयर इंजिनियर की, दोनों एक जैसी,
इस कविता का हर शब्द मेरे दिल की गहराई से आ रहा हैं,
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजिनियर जा रहा हैं,
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