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Showing posts from 2013

Tere hothon ki hasi

                              Tere hothon ki hasi banane ka khwaab hai                                       Teri aaghosh me simat jane ka khwab hai                                       Tu laakh bachale daaman ishq ke haathon                                        Aasmaan bankar tujh par chhaane ka khwaab hai                                        Aazmaish yun to achhi nahi hoti ishq ki                                  ...

Woh Apne Mehandi

Woh Apne Mehandi Wale Haath Mujhe Dikha Kar Royi, Ab Main Hoon Kisi Aur Ki Yeh Mujhe Bata Kar Royi. Pehle Kehti Thi Ke Nahi Ji Sakhti Tere Bin, Aaj Phir Se Woh Baat Dohra Kar Royi. Kaise Kar Loon Uski Mohabbat Pe Shak Yaaro! Woh Bhari Mehfil Mein Mujhe Gale Laga Kar Royi.

दिल

                                     दिल में तमनाओं को दबाना सीख लिया,                                     गम को आँखों में छिपाना सीख लिया,                                     मेरे चहरे से कहीं कोई बात जाहिर ना हो,                                     दबा के होंठों को हमने मुस्कुराना सीख लिया.. 

दूर से देखा तो बडे ही सुहाने मन्जर थे

                             दूर से देखा तो बडे ही सुहाने मन्जर थे !                                    पास पहुचे तो सारे खेत ब॑जर थे !!                                    हम उनके पास से भी प्यासे लॊटे !                                    जिनकी आ॑खो मे, प्यार के समन्दर थे !!                                    मासूम चेहरो मे जब भी झा॑क कर देखा !                                    कितने ही शैतान उनके अन्दर थे !!                ...

अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको

अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको। मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने ये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको। ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामन कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको। बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’ शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको। – बादाह  = Wine, Spirits

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये

  मुश्किल  है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये तुम ऍम ऐ फर्स्ट डिविजन हो, मैं हुआ मेट्रिक फेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये तुम फौजी अफसर की बेटी , मैं तो किसान का बेटा हूँ तुम रबडी खीर मलाई हो, मै तो सत्तू सपरेटा हूँ तुम ऐ-सी घर में रहती हो, मैं पेड के नीचे लेटा हूँ तुम नई मारुती लगती हो, मै स्कूटर लम्ब्रेटा हूँ इस कदर अगर हम छुप छुप कर, आपस में प्यार बढ़ाएँगे तो एक रोज तेरे डेडी, अमरीश पुरी बन जाएँगे सब हड्डी पसली तोड़ मुझे वो भिजव देंगे जेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये तुम अरब देश की घोड़ी हो, मैं हूँ गदहे की नाल प्रिये तुम दीवाली का बोनस हो, मै भूखों की हड़ताल प्रिये तुम हीरे जडी तश्तरी हो, मैं एल्युमिनिअम का थाल प्रिये तुम चिकन सूप बिरयानी हो, मैं कंकड वाली दाल प्रिये तुम हिरन चौकड़ी भरती हो, मै हू कछुए की चाल प्रिये तुम चंदन वन की लकड़ी हो, मैं हू बबूल की छाल प्रिये मै पके आम सा लटका हूँ मत मारो मुझे गुलेल प्रिये...

Woh aaj humse mile

                 Woh aaj humse mile anjanon ki tarah, hum yunhi raah take baithe the deewanon ki tarah,  har nigah mein aur duur chale jaate hain,  humse nazar churate hain beimanon ki tarah,  hum yunhi raah take baithe the deewanon ki tarah......    

Humne jo ki thi mohabbat

Humne jo ki thi mohabbat aaj bhi hai.. Teri zulfon ki saaye ki chahat aaj bhi hai.. Raat kat ti hai aaj bhi khayalon mein tere… Deewano si wo meri haalat aaj bhi hai… Kisi aur ki tasabbur ko uth ti nahi… Beimaan aankhon mein thodi si sharafat aaj bhi hai… Chaah k ek baar chaahe phir chhod dena tu… Dil tod tujhe jaane ki izazat aaj bhi hai…